SOCIAL DOCTOR SHIV PRAKASH

happiness is the result of good health, if you want live happy, then live healthy. a blog for Healthy information and happiness.

Thursday, June 21, 2018

FIT RAHEGA INDIA TO HIT RAHEGA INDIA

प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में स्वास्थ्य की भूमिका अहम् होती है और सदैव निरोग और स्वस्थ रहने के लिए व्यायाम भी आवश्यक है और यदि आप भी एक स्वस्थ जीवन बिताना चाहते है तो आप को भी प्रति दिन व्यायाम करना चाहिए। "अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस" के उपलक्ष्य पर हम आज आप के लिए योग के अंतर्गत ऐसे आसन के विषय में जानकारी ले कर आये है जिसके करने से आपका मन और शरीर हर प्रकार की समस्याओं विशेष कर हाइपरटेंशन, हाइपरवेन्टीलेशन, तनाव-बेचैनी, ध्यान व् एकाग्रता में कमी, स्मृति ह्रास आदि कई समस्याओ से मुक्ति मिल जायेगी। ज्यादा देर न कर हम आपको सीधे उसके विषय में बताते है जिस आसन के विषय में हम बात कर रहे है उसका नाम है "अनुलोम-विलोम प्राणायाम", आईये जानते है इसके बारे में। 
अनुलोम-विलोम प्राणायाम 
मानव शरीर में "नाड़ियों" का सूक्ष्म ऊर्जा जाल फैला हुआ है जिसमे कई बार किन्ही कारणों से बाधा उत्त्पन्न होती है जो विभिन्न प्रकार की समस्याओं के लिए जिम्मेदार बनती है इसी कारण वश हमें समय समय पर नाड़ी शोधन करने की आवश्यकता होती है जिसके लिए हम जिस विधि का प्रयोग करते है उसे अनुलोम विलोम प्राणायाम कहते है। यह विधि किसी भी आयु वर्ग के लोग कर सकते है। 

अनुलोम विलोम प्राणायाम करने की विधि:
सर्वप्रथम यह ध्यान रखने की आवश्यकता है कि आपको योग करने के लिए सबसे उचित समय प्रातः काल ही है जब  सूर्योदय होता है इस समय इसके करने से आपको अधिकतम लाभ मिलता है। आपको यह आसन किसी खुले स्थान पर जैसे कि आपका छत हो या किसी आस पास का पार्क जहाँ पर प्राकृतिक वायु का संचार हो और शोरगुल कम हो वहाँ पर करना चाहिए। प्रातः कल उठ कर और नित्य क्रिया करने के बाद खाली पेट यह आसन करना चाहिए ध्यान दे योग करने के 1 घंटे पूर्व व् पश्चात भोजन और पानी ग्रहण नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही वस्त्र भी आपके ढीले आरामदायक होने चाहिए। 

अनुलोम विलोम के चरण:
सर्वप्रथम किसी स्थान पर एक कॉटन कपडे की चादर बिछा लीजिये और और उस पर पद्मासन मुद्रा (जिसमे आपकी रीढ़ की हड्डी और गर्दन बिलकुल सीधी हो) में बैठ जाये।

इसके पश्चात अपने दाये हाथ में इस प्रकार की मुद्रा (जिसमे आप के हाथ की दो अंगुलिया अंगूठे के पास बंद हो) बनाये। और इस दौरान आप अपना बाया हाथ ध्यान मुद्रा में रखे।  
अब आप अपनी नाक के दाए छिद्र को अंगूठे से बंद करे और बायीं छिद्र से मंद गति से गहरी सांस लीजिये और सांस लेने के बाद बाकि खुली दो अंगुलियों से बायीं छिद्र को बंद करे (कुछ देर सांस को रोकने का प्रयास करे)।
इसके पश्चात नाक के दाये छिद्र पर से अंगूठे को हटाए और साँस को धीरे धीरे छोड़े और पुनः दायी तरफ से सांस ले और फिर बायीं तरफ से सांस छोड़े। इस प्रकार यह अनुलोम विलोम का एक चरण हुआ।

  • आप इसी प्रक्रिया को निरंतर लगभग 15-20 मिनट तक चाहिए।


ध्यान दे यदि आप ऊपर बताये गए निर्देशों के अनुसार यह आसन प्रतिदिन करेंगे तो आपको शीघ्र अतिशीघ्र इससे लाभ प्राप्त होगा। आप हमसे जुंड़े और हमें Follow करे ताकि हम आप तक ऐसी ही आवश्यक जानकारी लाते रहे।

करे योग रहे हमेसा निरोग




Thursday, June 14, 2018

सुपर 30 ने फिर लहराया IIT-JEE की प्रवेश परीक्षा में परचम, 30 में 26 उत्तीर्ण

हर वर्ष की भाति ही इस भी Super 30 के 30 में से 26 विधार्थियो ने IIT-JEE की प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण की। जी आप को बता दे कि गणित के विद्वान् शिक्षक श्री आनंद कुमार जी ने वर्ष 2002 में पटना बिहार में एक "सुपर 30" नमक कोचिंग संस्था की स्थापना की जिसमे की गरीब व पिछड़े हुए वर्ग परिवार के होनहार छात्रों को भारतीय प्रौद्यागिकी संस्थान (आईआईटी) की प्रवेश परीक्षा की तैयारी सुविधा बिना किसी शुल्क दी जाती है। उसी संस्था में हर वर्ष की भाति इस वर्ष भी छात्रों ने अच्छा प्रदर्शन किया और कुल 30 में से 26 विद्यार्थियों ने इस परीक्षा को उत्तीर्ण किया। आप को बता दे कि यहाँ अब तक (सन 2002-2018) कुल 450 छात्रों में से 422 छात्रों ने इस परीक्षा को उत्तीर्ण कर चुके है। 

इस वर्ष के नतीजों के विषय में जब आनंद कुमार जी से पूछा गया तो उन्होंने कहा,"'सफल छात्रों में शामिल बच्चे समाज के उस अंतिम पायदन पर खड़े थे जहां विकास और चमकदमक की पहुंच नहीं है। घोर अभाव और पिछड़ेपन में रहे इन बच्चों की सफलता बेहद महत्वपूर्ण और रोमांचित करने वाली है।" और इसके साथ ही उन्होंने इस सफलता का श्रेय भी उन छात्रो को ही दिया। 

आप भी जानते होंगे कि IIT-JEE की प्रवेश परीक्षा की तैयारी हेतु जहाँ दूसरे संस्थान लाखो रूपये लेते है वही यहाँ छात्रों को बिना किसी शुल्क के शिक्षा प्रदान की जाती है और वो भी उन्ही छात्रों को जो होनहार पढ़ाई में तेज होने बावजूद परिवार की आर्थिक स्थिति के ख़राब होने के कारण तैयारी नहीं कर पाते है। इस प्रकार से यह संस्था गरीब छात्रों के लिए किसी वरदान से काम नहीं है। 

आपको जान कर के आश्चर्य होगा कि आनंद कुमार जी व उनकी इस संस्था "सुपर 30" के ऊपर bollywood में एक फिल्म भी बन चुकी है जिसका नाम भी "सुपर 30" है जिसमे आनंद कुमार की भूमिका जाने माने कलाकार व् अभिनेता ह्रितिक रौशन ने निभाया है।

आशा करते है कि सुपर 30 की यह उड़ान आगे भी ऐसे ही जारी रहेगी। यदि आपको हमारा ये लेख पसंद आया हो तो आप हमें Follow जरूर करे ताकि हम आप तक ऐसे ही रोचक जानकारिया लाते रहे।







Wednesday, June 6, 2018

घातक सिद्ध हो रहा है निपाह वायरस, जरूर पढ़े

मानव समाज में कई अनगिनत समस्याएं आती है जिनमे से सबसे बड़ी समस्या के तौर पर "रोग या बीमारिया" ही होती है क्योकि जब कोई व्यक्ति कभी बीमार होता है तो न केवल वह बल्कि उसका समस्त परिवार उसके प्रभाव से प्रभावित होता है खाशकर तब जब बीमारी या रोग संक्रामक, घातक और लाइलाज हो। चिकित्सा पद्धति में निरंतर विकास के साथ साथ समाज में नयी नयी बीमारिया भी बढ़ रही है जिसके कई कारण हो सकते है जिनमे से विशेष कर प्रदुषण ही एक प्रभावी कारण होता है। परन्तु आज कल एक विशेष प्रकार की बीमारी का प्रभाव देश के कुछ कोनों में अथवा अन्य देशो में देखा गया है जो की एक विशेष वायरस जिसका नाम "निपाह" है के द्वारा फैल रहा है। अभी हाल ही में भारत के केरल और कुछ राज्यों में इसके प्रभाव को देखा गया है।

ये निपाह वायरस क्या है?
"निपाह वायरस इन्फेक्शन" नामक रोग निपाह नामक वायरस से संक्रमित होने पर होता है, इस वायरस से संक्रमित होने का पहला मामला सिंगापुर-मालिशिया में सन 1998 और 1999 में देखने को मिला था। निपाह वायरस एक RNA टाइप का वायरस है जो कि जानवरो और मनुष्यो दोनों को प्रभावित कर सकता है। यह कुछ विशेष जानवरो जैसे चमकादड़, सूअर अथवा अन्य  पशुओ के माध्यम से मनुष्यो में फैलता है। इस वायरस से संक्रमित होने पर व्यक्ति के शरीर में अनगिनत प्रकार की समस्याएं उत्पन्न होने लगती है जिनसे व्यक्ति की मृत्यु तक हो सकती है। यह रोग विशेषकर फल खाने वाले चमकादड़ो से मनुष्यो तक फ़ैल रहा है। बांग्ला देश में सन 2004 में इस रोग से अनगिनत लोग प्रभावित हुए।

निपाह वायरस के संक्रमण से उत्पन्न समस्याएं अथवा लक्षण:
इससे संक्रमित व्यक्ति को संक्रमण के 1-5 दिनों के अंदर ही कुछ लक्षण विशेषकर तीव्र ज्वर, सर दर्द, मानसिक भ्रम व समझ में कमी होने के साथ साथ कोमा में चले जाना आदि है और सबसे गंभीर स्थिति में रोगी की मृत्यु तक हो जाती है। मलेशिया और सिंगापुर में तो इसके कारण 50 प्रतिशत तक रोगियों की मृत्यु भी हो गयी।

उपचार एवं बचाव: निपाह वायरस के इन्फेक्शन का अब तक कोई असरकारक दवा का पता अभी तक नहीं लगा है कुछ शोधो और उपचार में इसके लिए अभी तक "रिबावायरिन"नामक दवा के प्रभाव को सार्थक पाया गया है परन्तु इससे बचने का सबसे सही उपाय संक्रमण से बचे रहने के लिए सावधानी बरतना ही है। इसके लिए यह ध्यान रखना आवश्यक है कि किसी भी फल जिसे किसी पक्षी या पशु ने कुतरा हो उसे न खाये, फलो को अच्छी तरह से धूल कर ही खाये।फलो से बनने वाले जूस या नशीले पेय पदार्थ जैसे ताड़ी, शराब अादि का सेवन न करे।पशुओ और पक्षियों से ज्यादा नजदीकी संपर्क में न रहे, सुअर या अन्य पशुओ के मांश खाने से बचे जिन्हे संक्रमण हो या जिनसे संक्रमण हो सकता है।

नोट: आपसे निवेदन है कि जनहित के लिए इस जानकारी को अधिक से अधिक लोगो तक पहुंचाने हमारी सहायता जरूर करे। स्वस्थ रहेगा भारत, तभी तो आगे बढ़ेगा भारत।

आशा करते है कि आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी पसंद आयी होगी। आप हमें Fallow जरूर करे ताकि हम आप तक ऐसे ही आवश्यक जानकारिया लाते रहेंगे। 100000 Followers के लक्ष्य तक पहुंचने में हमारी मदद जरूर करे मित्रो।



Most Popular

For You