SOCIAL DOCTOR SHIV PRAKASH

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Tuesday, December 26, 2017

जानिये कैसा होता है I से शुरू होने वाले नाम के लोगो का स्वभाव

व्यक्ति अपने नाम से सदैव प्रभावित होता है, विभिन्न शास्त्रों में भी बताया गया है कि व्यक्तित्व या स्वभाव पर उसके नाम का सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही प्रकार से प्रभाव पड़ता है। आज हम आपको हिंदी के शब्द "इ, ई" अथवा अंग्रेजी के "I" से शुरू होने वाले नाम के लोगो के स्वभाव के बारे में बताएँगे। इसके पूर्व भी हमने आपको A,B,J,K,M,N,R,S से शुरू होने वाले नाम के लोगो के स्वभाव के बारे बताया है जिसे अधिकांश लोगो ने स्वीकारा भी। आशा करते है कि आपको हमारा ये लेख पसंद आएगा। 

इ, ई अथवा I से शुरू होने वाले व्यक्तियों का स्वभाव 
इस अक्षर से शरू होने वाले नाम के लोग प्रायः प्रेम के भूखे होते है इन्हे प्रेम से ही जीता जा सकता है। ये भावुक और संवेदन शील होते है इस लिए इन्हे कोई भी बात तुरंत ही लग जाती है, कई बार अपनी इसी गुण के कारण इन्हे धोखा भी खाना पड़ता है। इन्हे कला और विज्ञान में अधिक रुची होती है, शिक्षा और लेखन कला में निपूर्ण होते  है। कुछ मामलो में ये मौका परस्त भी हो सकते है, अपनी कही बात पर से मुकर भी जाते है। इन्हे धन संपत्ति की कोई कमी नहीं होती है लेकिन ये प्रायः अपनी चीजों को अपने स्वभाव के कारण खो देते है। 

इन्हे अपने जीवन में प्रेम अधिक मिलता है लेकिन जीवन में उतना सुख नहीं मिल पाता है इन्हे वो संतुष्टि नहीं मिल पाती है जिसकी इन्हे कामना होती है। इन्हे क्रोध शीघ्र ही आजाता है, कुछ मामलो में थोड़ा संकोची और सोच विचार करने वाले भी होते है। दिखने में ये आकर्षक भी होते है लोग इनसे अधिक आकर्षित होते है जिससे ये समाज अपनी एक अलग पहचान भी रखते है। परिवार में सभी इनको प्रेम भी अधिक करते है। धर्म और कर्म में इनकी रुची भी अधिक होती है, लोगो की सहायता करना इन्हे पसंद होता है।  जीवन में ये सफल भी रहते है और इन्हे देश विदेश की यात्रा का भी अवशर मिलता है। 

आशा करते है कि आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी पसंद आयी होगी। आप हमसे जुड़े रहे हम आप तक ऐसी ही आवश्यक जानकारिया लाते रहेंगे। 


Saturday, December 23, 2017

जानिये म अथवा M से शुरू होने वाले नाम के लोगो का स्वभाव

कहते है कि व्यक्ति का नाम उसके स्वभाव और व्यक्तित्व को हमेसा प्रभावित करता है। इसके पूर्व अपने लेख में हमने आपको A,B,J,K,N,R,S अक्षरों से शुरू होने वाले व्यक्तियों के स्वभाव के बारे में बताया जिसको आप सभी ने पसंद किया और ज्यादा लोगो ने स्वीकारा की लगभग 90 % तक हमने सही बताया। आज हम आपको "म" अथवा M से शुरू होने वाले नाम के लोगो के स्वभाव के बारे में बताएँगे। आशा करते है आप इसे भी पसंद करेंगे। 

"म" अथवा M से शुरू होने वाले नाम के लोगो का स्वभाव 
ये स्वभाव से विनम्र, भावुक, धैर्यवन और साहसी होते है। इनमे संकोच करने का भाव भी विद्मान होता है अपने प्रत्येक कार्य को ये सोच समझ कर करते है। ये प्रतिभाशाली, बुद्धिमान, और रचनात्मक भी होते है इसी कारण लोग इनसे अधिक आकर्षित होते है। ये प्ररिस्थिति से कभी हार नहीं मानते है धैर्य के साथ संघर्ष करते रहते है और अंततः सफलता प्राप्त भी कर लेते है। चुकि ये स्वभाव से काफी भावुक होते है इस कारण बातें भी शीघ्र लगती है जिसको लेकर यह चिंतित हो जाते है और कभी कभी अधिक क्रोध भी करते है। 
ऐसे लोगो के लिए प्रेम अधिक महत्व रखता है और ये अपने प्यार को पाने के लिए हर संभव प्रयास करते है।    ये धोखा देना और धोखा खाना नहीं पसंद होता है। स्वभाव से थोड़े जिद्दी भी होते है , और एक बार कुछ करने का जो ठान लेते है कर के ही शांत होते है। भाग्य के धनि होते है जिससे इन्हे जीवन में सफलता, सुख, सम्मान और संपत्ति की प्राप्ति होती है। 

इनका राजनीती में अधिक रुची होती है और ये एक अच्छे लेखक और वक्ता भी होते है। भाषा पर इनका जो पकड़ होता है वह अतुलनीय होता है। कभी कभी ये स्वय को लेकर ये थोड़ा स्वार्थी भी हो जाते है। दुसरो की मदद करना पसंद करते है और मित्रो का साथ भी देते है। परिवार से इनको अधिक प्रेम होता है, रिस्तो को लेकर अधिक संवेदन शील होते है। प्रत्येक चीज में इन्हे पूर्णता पसंद होता है कुछ भी अधूरा इन्हे नहीं भाता है। 

आशा करते है कि आपको हमारा ये लेख पसंद आया होगा। यदि कही आपको कोई त्रुटि लगे तो हमे क्षमा करियेगा। आप हमसे जुड़े रहे हम आप तक ऐसी ही रोचक जानकारिया लाते रहेंगे। 


Wednesday, December 20, 2017

जानिए ज अथवा J से शुरू होने वाले लोगो का स्वभाव

व्यक्ति का नाम उसके व्यक्तित्व और स्वभाव को निरंतर प्रभावित करता है। व्यक्ति का नाम उसकी ज्यादा तर विशेषताओं को प्रदर्शित करता है। विभिन्न धर्म शाश्त्रो में यह बताया गया है नाम  व्यक्ति के स्वभाव, व्यत्कित्व और उसका भाग्य सब को प्रभावित करता है। आज हम आपको हिंदी के "ज" अक्षर अथवा अंग्रेजी के "J" से शुरू होने वाले नाम के लोगो के स्वभाव और व्यक्तित्व के बारे में बताएँगे। आशा करते है कि हमरा लेख आपको पसंद आएगा, फिर भी यदि आपको लगे की इसमें कुछ त्रुटि है तो  हमे क्षमा करियेगा।

हिंदी के "ज" अक्षर अथवा अंग्रेजी के "J" से शुरू होने वाले नाम के लोगो का स्वभाव और व्यक्तित्व
इस अक्षर से शुरू होने वाले नाम लोग स्वभाव से बहुत चंचल होते है, ये न केवल स्वभाव से प्यारे होते है बल्कि ये दिखने में भी काफी आकर्षक और सुन्दर भी होते है जिससे लोग इनसे काफी आकर्षित होते है। इनकी यही विशेषता के कारण इनसे कई लोग ईर्ष्या भी करते है। ये बहुत ही महत्वकांक्षी भी होते है, इनका पढ़ाई में थोड़ा मन थोड़ा कम  ही लगता है। ये भग्य के धनि होते है, जीवन में इन्हे सफलता मिलती है। ये परिवार में सभी से प्रेम करते है और सभी का आदर सम्मान करते है।
ये बुद्धिमान और चतुर भी होते है और अपने उद्देश्य को लेकर काफी केंद्रित होते है। ये जब किसी कार्य की जिम्मेदार लेते है तो उसे बहुत ही ईमानदारी से पूरा करने तक लगे रहते है। ये अपने साथी से अधिक प्रेम करते है और जिनका इनसे विवाह होता है वह भी अधिक भाग्यशाली होता है और ये प्रेम विवाह को अधिक महत्व देते है। ये लोग अधिक खुशमिज़ाज़ भी होते है लेकिन स्वास्थ्य समन्धि कुछ समस्याएं इन्हे रहती है। इन्हे जीवन में थोड़ी बहुत कठिनाईया झेलनी पड़ती है लेकिन ये उन पर शीघ्र ही विजय प्राप्त कर लेते है। यदि इनके नाम के हिसाब से इन्हे परिभाषित किया जाये तो ये बहुत ही प्यारे लोग होते है।

आशा करते है कि आपको हमारा ये लेख पसंद आया होगा, आप हमसे ऐसे ही जुड़े रहे ताकि हम आप तक ऐसे आवश्यक जानकारिया लाते रहेंगे।


जानिए अपने Lucky Number के बारे में

गणितज्ञ मानते है कि संख्या संपूर्ण ब्रम्भाण्ड की भाषा है जिससे संसार की प्रत्येक चीज प्रभावित होती है। संसार की सभी वस्तुए को संख्याओं के माध्यम से समझना और भी आसान हो जाता है। आप भी जानते होंगे कि प्रत्येक व्यक्ति के लिए एक विशेष अंक अथवा संख्या बहुत ही फलदायी होता है, जैसा कि हमारे धर्म शास्त्रों में संख्या के महत्व को बताया  गया है फिर चाहे व्यक्ति की जन्म तिथि हो, विवाह के सात फेरे हो, रंगो में सात रंग, शुभ में 11,21,51,101 हो, या फिर 786, अशुभ में अंक 13 सभी का व्यक्ति के जीवन में प्रभाव पड़ता है। आप भी इसके प्रभाव से कभी अछूते नहीं रहते है आपने भी अपने जीवन इसके प्रभाव को महसूस किया होगा ही, और आपको हम बता दे कि हर व्यक्ति के लिए विशेष लकी नंबर होता है जो उसकी सफलता को निश्चित करता है। आज हम आप को बताएँगे कि कैसे आप अपने लकी नंबर के बारे में जान सकते है। आशा करते है कि आपको हमारा ये लेख पसंद आएगा। 

जीवन की मार्गदर्शक संख्या जिसे हम Life Path Number भी कहते है यह ऐसी संख्या होती है जो आपके जीवन में सफलता का मूल आधार होती है यही निर्धारित करती है है आप किस दिशा में में बढ़ेंगे और इससे आप अपनी योग्यताओ को भलीभाती समझ कर उनमें विकाश कर सकते है। हर व्यक्ति की जीवन मार्गदर्शक संख्या अलग अलग होती है जो उसके भाग्य अथवा दुर्भाग्य की द्योतक होती है। यदि आप अपने जीवन मार्ग दर्शक अंक के बारे में जानना चाहते है तो निम्न विधि का पालन करे। 

उदहारण-: मान लीजिये कि रिया का जन्म 17 दिसंबर 1986 है तो उसकी जीवन मार्गदर्शक संख्या की गणना करने के लिए हमे सर्वप्रथम उसकी जन्म तिथि को अंको में लिखना होगा (17/12/1986) फिर जन्मतिथि के प्रत्येक अंक को इस प्रकार जोड़ना होगा;
महीना : 12 =1+2=3
दिन : 17=1+7=8
वर्ष : 1986=1+9+8+6=24=2+4=6
दिन,महीने और वर्ष के अंको के जोड़ से प्राप्त अंको को जोड़ कर आप अपने जीवन मार्गदर्शक अंक को प्राप्त कर सकते है। 
जीवन मार्गदर्शक अंक : 3+8+6=17=1+7=8

अब आपने अपने अपने जीवन मार्गदर्शक अंक की गणना कर चुके होंगे तो अब आप यह जानना चाहेंगे कि इन जवान दर्शक अंको का व्यक्ति पर क्या प्रभाव पड़ता है तो आप निम्न बिन्दुओ को ध्यान से पढ़े;
1 से 9 तक के जीवन मार्गदर्शक अंक वाले  व्यक्तियो की विशेषता है
1: नेतृत्व, व्यक्तित्व, आक्रामकता, आत्मविश्वास, मौलिकता, अधीरता
2: संतुलित, साझेदारी, ग्रहणशीलता, सहयोग, कूटनीति, धैर्य
3: स्व-अभिव्यक्ति, नवाचार, रचनात्मकता, संचार, गतिविधि
4: स्थिरता, निर्भरता, अनुशासन, समर्पण, अति सावधानी, जिद्दी।
5: प्रगतिशील, अग्रणी, नवाचार, साहसिक, विद्रोह, अवसरवादी
6: सद्भाव, करुणा, सेवा, पोषण, आत्म-धर्मी, पुरानी चिंता से ग्रसित रहने वाला 
7: खुफिया, अंतर्ज्ञान, आध्यात्मिकता, विश्लेषणात्मक, अकेला, गुप्त
8: महत्वाकांक्षा, संगठन, व्यावहारिकता, सफल, स्वार्थी, भौतिकवादी
9: उदारता, जुनून, परोपकारी, कुशल, अहंकारी, नाजुक

आप उपरोक्त विशेषताओं को समझ कर आप सवयं से सकारात्मक गुणों का विकाश कर सकते है, और नकारात्मकता से स्वयं को दूर रख सकते है, जिससे आप स्वयं को सफलता की दिशा में बढ़ाएंगे और जिससे आप को निश्चित ही सफलता मिलेगी और ऐसी स्थिति में आपका जीवन मार्गदर्शक अंक आपको आत्मबल प्रदान करेगा। 

आशा करते है कि आपको हमारा ये लेख पसंद आया होगा आप हमसे जुड़े रहे हम आप तक ऐसी ही आवश्यक जानकारिया लाते रहेंगे। यदि आप इस विषय में अधिक जानकारी चाहते है तो हमे कमेंट बॉक्स में लिख के पूछ सकते है। 


Thursday, December 14, 2017

कैसे होते है "B" अक्षर से शुरू होने वाले नाम के लोग, जरूर पढ़े





व्यक्ति का नाम उसके व्यक्तित्व का आईना होता है। इस लेख के पूूर्व हमने आपको A,N,R,S से शुरू होने वाले नामो के के व्यक्तियों के स्वभाव के विषय में बताया जिसके विषय में हमारे लेख को पढ़ने वाले अधिकांश लोगो ने बताया की हमारे द्वारा बताई गयी जानकारी 90% सही है। आज हम आपको इसी विषय में आगे हिंदी के "ब,भ" अक्षर अथवा अंग्रेजी के "B" अक्षर से शुरू होने वाले नाम के लोगो के स्वभाव के बारे में बताएँगे। 



इस अक्षर से प्रारम्भ होने वाले नाम के लोग स्वभाव से भावुक व संवेदनशील होते है, किसी भी बात पर तुरंत ही भावुक हो जाते है फलस्वरूप दुसरो से जल्द ही प्रभावित हो जाते है। ये छोटी छोटी बातो में भी खुसी ढूंढ लेते है, और प्रसन्न रहते है। ये थोड़ा संकोची प्रवित्ति के भी होते है अपने सभी कार्यो को काफी सोच विचार कर के ही करते है। ये नवीनता में विश्वाश रखते है ये अपने लिए नए नए मार्ग की तलाश में रहते है और सदैव नवीन कार्य करना इन्हे पसंद होता है। दुसरो घुलने मिलाने में थोड़ा इन्हे कठिन लगता है या उतना इन्हे पसंद नहीं होता है। जिसके कारण इनके मित्र कम ही होते है लेकिन जो इनके मित्र होते है इनके सच्चे मित्र होते है और ये अपने मित्रो का हमेसा साथ देते है। 

बात जब प्रेम प्रसंग की होती है तो ये थोड़ा रोमांटिक किश्म के होते है, ये प्रेम का इज़हार करने में तनिक भी समय नहीं गवाते है। हलाकि इससे कई बार प्रेम प्रसंग में इन्हे असफलता का भी सामना करना पड़ता है, फिर भी इस नाम वाले अधिकांश लोग प्रेम विवाह करते है। ये अपने साथी से अत्यधिक प्रेम भी करते है। इन्हे आंतरिक व वाह्य सुंदरता दोनों प्रिय होता है ये सौंदर्य प्रेमी होते है सुन्दर वस्तुए ही इन्हे भाती है। 

धन संपत्ति के भी ये स्वामी होते है, ये मेहनती होते है और अपने जीवन में अपनी मेहनत के बल पर धन सम्पत्ति अर्जित करते है। इनमे साहस भी अधिक होता है ये कठिन परिस्थितियों से घबराते नहीं है बल्कि उसका सामना करते है और अंततः उन पर विजय पाते है। ये अपनी गलतियों से हमेसा सीख लेते है ताकि भविष्य में ऐसी गलती न हो सके। ये स्वयं की संवेदनाओ को हमेसा अपने नियंत्रण में रखते है। 


ध्यान दे हो सकता है हमारे द्वारा बताई गयी कोई बात आपको असत्य प्रतीत हो सकती है परन्तु हम आपको बतादे कि ये सभी बाते सामन्यतः इस अक्षर से शुरू होने वाले नाम के लोगो में पायी जाती है फिर भी यदि आपको लगे कि हमसे बताने कोई त्रुटि हुयी है तो हमे क्षमा करे। आप हमसे जुड़े रहे ताकि हम आप तक ऐसी ही आवश्यक जानकारिया लाते रहे। 

Tuesday, December 12, 2017

कैसा होता है A शुरू होने वाले व्यक्तियों का स्वभाव जानने के लिए पढ़े



कहते है कि व्यक्ति का नाम व्यक्ति ही उसकी अधिकांश विशेषताओं को बता देता है, कुछ महापुरुषो और विद्वानों के अनुसार व्यक्ति का नाम व्यक्ति के व्यक्तित्व और स्वभाव को प्रभावित करता है। कुछ अध्यनो में भी पाया गया है कि अधिकांश लोगो का स्वभाव उनके नाम के अनुसार ही होता है और कुछ इसके विपरीत भी होते है। आज अपने लेख में हम आपको हिंदी के "अ, आ, औ" अक्षर अथवा अंग्रेजी भाषा के "A" अक्षर से प्रारम्भ होने वाले नाम के व्यक्तियों के स्वभाव और व्यक्तित्व के विषय में बतायेंगे। आशा करते है कि आपको हमारा ये लेख पसंद आयेगा।

"अ, आ, औ" अक्षर अथवा अंग्रेजी भाषा के "A" अक्षर से प्रारम्भ होने वाले व्यक्तियों का स्वभाव और व्यक्तित्व
इस अक्षर से प्रारम्भ होने वाले व्यक्ति चाहे वो स्त्री हो या पुरुष सभी की खाश बात ये होती है कि ये सभी लोगो के आकर्षण का केंद्र विन्दु होते है। ये अपने रिस्तो को अधिक महत्व देते है लेकिन ये रोमांस के प्रति काम उत्साहित रहते है। ये विशेषतः व्यव्हार कुशल होते है और औपचारिक संबंधो को निभाना अधिक पसंद करते है। ये अपने कार्य क्षेत्र में लक्ष्य निर्धारित कर उसको प्राप्त करने का भर्षक प्रयास करते है और अपनी सफलता को निश्चित करते है। ये शांत,विनम्र, प्यारे स्वभाव के होते है, जिस कारण इन्हे सभी पसंद भी करते है लेकिन कभी कभी ये क्रोध भी अधिक करते है। इनमे धैर्य और साहस भी अधिक होता है। 

ये अपने साथी का हमेसा साथ देते है, एवं प्रेम भी अधिक करते है, ये अपने प्रेमी व साथी का चुनाव अत्यधिक सोच विचार कर के ही करते है । ये किसी के कार्य में कभी बाधा नहीं उत्पन्न करते है लेकिन इनमे स्वार्थ का भाव अधिक होता है। ये किसी को धोका कभी नहीं देते है न ही इनको धोखा  खाना पसंद होता है। इन्हे सामाजिक समारोह, पार्टी में जाना पसंद होता है लेकिन ये उसके आदि कभी नहीं होते है। ये सौंदर्य प्रेमी होते है, सुन्दर वस्तुए इनको बहुत भाति है और ये स्वय भी सुन्दर व आकर्षक दिखते है। सभी को साथ लेकर चलना और सबकी सहायता करना इनको अच्छा लगता है। 

आशा करते है  कि आपको हमारे द्वारा प्रदान की गयी जानकारी पसंद आयी होगी। आप हमसे ऐसे ही जुड़े रहे हम आप तक ऐसी ही रोचक मनोरंजक और आवश्यक जानकारिया लाते रहेंगे। 

Sunday, December 10, 2017

शरीर के अंगो पर तिल होने पर व्यक्ति के भाग्य पर क्या प्रभाव पड़ता है, जरूर पढ़े

मनुष्य चाहे किसी भी धर्म का क्यों न हो, वो ग्रहदशा, नक्षत्र, भाग्य आदि में विश्वास करता ही है। सभी को अपने भविष्य लेकर चिंता रहती है और हमेसा अपने भाग्य को लेकर थोड़ा बहुत चिंतित अवश्य ही रहते है। आप भी अपने भविष्य के बारे में जानने को लेकर थोड़ा बहुत उत्सुक तो होंगे ही। आपको बता दे कि हर व्यक्ति के शरीर पर जन्म से ही अथवा जन्मोपरांत कुछ विशेष लक्षण अथवा ति ल होते है, इनका भी व्यक्ति के जीवन अथवा भाग्य में विशेष महत्व होता है, जिसके विषय में हिन्दू धर्म में बल्कि अन्य धर्मो में जिक्र मिलता है। हिन्दू धर्म में ज्योतिष शाश्त्र के भाग समुन्द्र शाश्त्र में शरीर पर तील के महत्व के विषय में बताया गया है। जिसके अनुसार व्यक्ति के शरीर पर मौजूद ति ल उसके भाग्य को प्रभावित करते है। इसी विषय में हम आपके लिए कुछ विशेष जानकारी लेकर आये है, आशा करते है आपको पसंद आएगा। 

भौ के बिलकुल मध्य में तिल-: जिस व्यक्ति के पास ऐसा तील होता है वह काफी भाग्यशाली होता है। वह न केवल ऐश्वर्या का धनि होते है बल्कि उनका दांपत्य जीवन भी काफी उत्तम होता है। 
स्त्री के वक्ष स्थल के मध्य तिल-: शास्त्रों में ऐसी स्त्री को बहुत ही सौभाग्यशाली बताया गया है। 
पीठ पर ति ल-: जिस व्यक्ति के पीठ पर तिल होता है वह प्रेम करने वाला, और धनि व्यक्ति होता है। 
नाभि पर तिल-: नाभि पर तिल होने को समुन्द्र शाश्त्र में अशुभ बताया गया है, ऐसे व्यक्ति उत्तम  स्वादिष्ट भोजन के प्रेमी होते है , यदि किसी को  आस-पास तिल होता होता है वो धनि होते है। 
पैर के अंगूठे पर तिल-: यदि किसी के पैर के अंगूठे पर तिल होता है वह समाज में सम्मान व प्रतिष्ठा प्राप्त करता है। 
हाथ की तर्जनी अंगुली पर तिल-: जिसके हाथ की तर्जनी अंगुली पर तिल होता है वह धनवान होता है लेकिन  वह सदैव शत्रुओ से परेशान रहता है। 
ठोड़ी पर तिल होना-: यह इतना शुभ नहीं  होता है, इसकी वजह से व्यक्ति को धन संपत्ति की कमी रहती है। 
हाथ की अनामिका अंगुली पर तिल-: इससे ऐश्वर्या व यश की प्राप्ति होती है। 
हाथ की कनिष्ट अंगुली पर तिल-: इससे शक्ति की प्राप्ति होती है, लेकिन जीवन में तनाव व अशांति रहती है। 
नाक के दाई और तिल होना-:जिसके पास ऐसा तिल होता है वह कम प्रयास में ही सफलता प्राप्त कर लेता है और वह बहुत भाग्य का धनि भी रहता है।
स्त्री के गाल पर बायीं और तिल-: ऐसी स्त्री अति सौभाग्यशाली और सुलक्षणा होती है। 

ध्यान दे; इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का हमारा उद्देश्य आपको भाग्यवादी बनाना नहीं बल्कि हमारा उद्देश्य आपको कर्म करते हुए भाग्य पर विश्वास करने के लिए प्रेरित करना है। आशा करते है कि आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी पसंद आयी होगी, आप ऐसे ही हमसे जुड़े रहे ताकि हम आप तक ऐसे ही रोचक जानकारिया लाते रहेंगे। 


Friday, December 8, 2017

बार-बार कुछ भूल जाते है, कुछ याद नहीं रहता है तो अपनाये ये घरेलु नुश्खे


प्रायः देखा गया है कि कुछ लोगो की ये शिकायत रहती है की उन्हें कुछ ठीक से याद नहीं रहता है, हमेसा कुछ न कुछ भूलते ही रहते है, जैसे कई बार कोई चीज हाथ में ही लिए रहते है और उसे घर में ढूंढने लगते है और भीड़ जब ध्यान आता है पता चलता है की वो वस्तु तो उनके हाथ में ही है। विधार्थियो की शिकायत रहती है कि घंटो पढ़ने के बाद भी उन्हें कुछ याद नहीं रहता है, ऐसी ही समस्याएं कई लोगो के साथ रहती है, आपको बता दे की भुलने की बीमारी जो होती है वो सामान्यतः वृद्धावस्था में होता है लेकिन यदि किसी को कम आयु में ही विष्मरण और याद न रख पाने जैसी समस्याये होती है तो वह कई कारण से होती है जिसमे से तनाव, अधिगम की गलत विधि, अभ्यास का आभाव, पुनर्स्मरण न करना आदि कुछ कारण होते है। यदि आप भी विष्मरण या भुलने, याद न कर पाने जैसी समस्या से परेशान है तो आपको हम बताना चाहेंगे की कुछ घरेलु नुश्खे है जिनको अपना कर आप इन समस्याओ से मुक्ति पा सकते है। ऐसी कुछ नुश्खे निम्नलिखित है;
  • काली मिर्च और बादाम की सात- सात लेकर पानी में भिगों दे और कुछ समय बाद उसे थोड़ा पानी में पीस ले | इसे  रोजाना पियें | इसे पीने से दिमागी ताकत बढ़ती है |
  • शक्कर और रूमी मस्तगी बराबर मात्रा में लेकर बारीक पीस लें और सुबह – शाम दो-दो माशे इस्तेमाल करें | इससे याददाश्त बहुत बढ़ती है |
  • बासी मुह सुबह उठकर शाम का रखा हुआ पानी पियें | यह दिमाग की तरावट के लिए बहुत ही अच्छा इलाज है और लगातार पीने से याददाश्त बढ़ती है |
  • प्रतिदिन प्रातः कल उठ कर योग के कुछ आसनो जैसे प्राणायाम, अनुलोम-विलोम, भ्रामरी आदि करे। 
  • प्रतिदिन थोड़ा व्यायाम करे इससे शरीर में स्फूर्ति बानी रहती है जिससे ध्यान लगाने में मदद मिलती है। 

आशा करते है कि हमारा ये प्रयास आपको पसंद आएगा और लाभदायक भी सिद्ध होगा, यदि आपको आगे भी ऐसी आवश्यक जानकारियों से अवगत होते रहना है तो हमें फॉलो करे तकि हम आप तक महत्वपूर्ण जानकारिया लाते रहे। 

Thursday, December 7, 2017

रात में नींद नहीं आती है और नींद नहीं आने से रहते है परेशान-तो जरुर पढ़े.


सामन्यतः आज कल लोगो में देखा गया है कि वो नींद न आने जैसी समस्या से ग्रसित है वो सोना तो चाहते है उन्हें नीदं नहीं आती है उसी के विपरीत कई बार कुछ लोगो में देखा गया है कि वो सामान्य से ज्यादा नींद आने की समस्या से पीड़ित है, पर है आपको बता दे कि प्रत्येक व्यक्ति को उनकी आयु विशेष के आधार पर एक निश्चित मात्रा में सोने की जरुरत होती है, सामन्यतः 18-65 वर्ष तक की आयु के लोगो को 7-9 घंटे तक प्रतिदिन सोना चाहिए लेकिन आज के भागम भाग के दौर ने लोगो को सामान्य से अधिक तनाव अथवा गैर अनुशासित जीवन जीने के कारण सोने के सामान्य अवधि में कमी अथवा वृद्धि होने लगती है जो आगे चल के शारीरिक या मानसिक रोगो का कारण बनता है। आज कल कुछ लोगो को रात रात भर नींद नहीं लगने की समस्या होती है या फिर कुछ लोगो आधी रात में नीद खुल जाने और फिर नीदं न लगने की समस्या होती है, यदि आप के साथ भी ऐसा ही कुछ होता है तो हम आपकी इस समस्या को दूर करने का उपाय ले कर आये है, हो सके तो जरूर आजमाए। 

1. बिस्तर पर तभी सोने जाये, जब आपको सही में नींद आ रही हो। बार बार करवटें बदलते रहने से तो अच्छा है कि आप कोई दिलचस्प काम करें (जैसे- किताब पढ़ें या म्यूजिक सुनें) और नींद लगने पर बिस्तर पर लेटे।  
2. रात्रि में बार बार घड़ी देखने से बचें। कुछ दिनो तक घडी की ओर मुंह करके न सोये। घडी भी कई बार नींद में व्यवधान उत्पन्न करती है अतः यहाँ ध्यान दे कि नींद का चक्र पूरा होना बहुत जरूरी है। शरीर की बायोलॉजिकल क्लॉक के हिसाब से ही चलें, तभी आप अनावश्यक तनाव या दबाव से बच सकेंगे। 
3. रात में कैफीन और एल्कोहॉल से सम्बंधित पेय पदार्थ के सेवन से बचें। इससे भी नींद देर से आती है। 4. स्वयं में सदैव उत्साह बनाये रखे और प्रत्येक दिन कम से कम एक घंटा व्यायाम करे और रात्रि भोजन के बाद भी 15-20 मिनट तक टहले। यूएस के नेशनल स्लीप फाउंडेशन द्वारा किये गए एक सर्वेक्षण में कहा गया है कि जो लोग नियमित टहलते और व्यायाम करते हैं, उन्हें अच्छी नींद आती है। 
5. रात में अत्यधिक भोजन न करे । यदि रात्रि भोजन 9 बजे के बाद करते हैं तो आपको प्रोटीनयुक्त, भारी या मसालेदार भोजन से बचना ही ठीक होगा। 
6. अपने आस पास का वातवरण शांत, सुगंधित और हवादार रखें। यदि कमरे में शोर आता हो, पर्याप्त हवा न आती हो या कोई गंध आती हो तो इससे आपकी नींद में बाधा उत्त्पन्न होगी। शयन कक्ष का रंग भी बहुत गहरे रंग का रखें। 
7. यदि दो लोग एक बिस्तर पर सोते है तो दोनो लोग एक ही कंबल ओढऩे से बचें। इससे भी नींद खराब हो सकती है। 
8. सोने-जागने का नियत समय बनाएं। हालांकि यात्राओं के दौरान ऐसा संभव नहीं हो पाता, फिर भी अपना रूटीन निश्चित रखें। 
9. नींद न आने का हक कारण मैट्रेस भी हो सकता है। हर मैट्रेस की एक उम्र होती है, जब वह असुविधाजनक हो जाए, उसे बदल लें। 
10. मन को शांत रखें। मनोवैज्ञानिक मानते हैं कि सोने से पहले स्ट्रेस वाला कोई काम न करें, ऐसा कुछ न बोलें, जो तनाव में डाले। 

आशा करते है कि आपको हमारा लेख पसंद आया होगा और आपके लिए लाभदायक सिद्ध हो सके। अतः आप से निवेदन है कि आप हमसे जुड़े ताकि हम आप तक ऐसी ही आवश्यक वस्तुए लाते रहे। 

सिर में हो रहा है यदि लगातार दर्द-तो ध्यान दे ये ब्रेन स्ट्रोक रोग भी हो सकता है

व्यक्ति के शरीर के रक्त प्रवाह में किसी भी तरह की यदि कोई बाधा उत्तपन्न हो जाती है तो वह उसके शरीर को भारी नुकसान पहुंचा सकती है। इससे व्यक्ति की जान भी जाने की हो सकती है। विशेषतः ऐसी  स्थिति में जब मस्तिष्क में रक्त की आपूर्ति बाधित हो जाये। इसे चिकित्सा विज्ञानं की भाषा में ब्रेन स्ट्रोक भी कहते हैं। ब्रेन स्ट्रोक किसी बाधा के कारण इश्चेमिया (रक्त संचार में कमी) या फिर हेमरेज (रक्तस्त्राव) के कारण होता है।
सामान्यतः लोग इसके विषय में ज्यादा नहीं जानते  है, जैसे इससे व्यक्ति पर क्या प्रभाव पड़ता हैं, इसके होने पर तुरन्त क्या करना चाहिए, क्या इसका इलाज संभव है आदि। वैसे एक सामान्य मनुष्य के सामने सबसे आवश्यक प्रश्न तो यही होता है कि ब्रेन स्ट्रोक के सामान्य लक्षण क्या हैं? आपको  बता दे कि तनाव, मधुमेह, धूम्रपान, मोटापा, उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तर और हृदय रोग आदि ब्रेन स्ट्रोक के लिए जिम्मेदार प्रमुख कारण हो सकते हैं। अगर आप भी इस तरह की गंभीर खतरों से पीडि़त हैं तो आपको अधिक सावधान रहने की जरुरत होती है। 

ब्रेन स्ट्रोक के प्रमुख लक्षण

  1. स्ट्रोक से ग्रस्त रोगी को यदि एक या दोनों बांहों में सुन्न होने या कमजोरी जैसा महसूस हो तो उसे तुरंत ही डॉक्टर को दिखाना चाहिए। ध्यान दे सुन्न होने की इस स्थिति में रोगी अपना हाथ उपर नहीं उठा पाता है
  2. यदि रोगी का चेहरा एक तरफ से लटक जाए अथवा फिर उसका चेहरा सुन्न हो जाए तो इसका अर्थ है कि बहुत गंभीर है। ऐसी स्थिति में आप रोगी हंसने के लिए कहें, यदि वह ऐसा करने में असमर्थ है तो उसे तुरन्त ही अस्पताल लेकर जाएं।
  3. इस दौरान यदि रोगी को बोलने में समस्या महसूस होती है, और साधारण से सवाल का वह जवाब देने में वह असमर्थ हो तो उसे डॉक्टर के पास के जाये
  4. यदि रोगी अपने शरीर को सन्तुलित करने में सक्षम न हो, और सीधे खड़ा नहीं हो पाता है या फिर उसे चलने में परेशानी आदि हो तो यह ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण हैं।
  5. अकारण ही व्यक्ति के सिर में भयंकर दर्द हो तो यह सामान्यत: मस्तिष्क में आंतरिक रक्तस्त्राव होने के कारण यह स्ट्रोक का संकेत हो सकता है। और यदि रोगी में सामान्य अवस्था में थोड़े थोड़े समय  पर याद्दाश्‍त भी चली जाती है तो समझे की उसे यह रोग होने वाला है।
  6. कई बार आंखों के सामने अंधेरा छा जाना और चक्कर आना भी ब्रेन स्ट्रोक की वजह हो सकती है।
ध्यान दे आपको इस रोग के कोई भी लक्षण यदि किसी व्यक्ति में दिखाई दे तो उसे अनदेखा न करे बल्कि सावधानी बरते और उसे उचित समय पर चिकित्सक के पास लेकर जाए क्योकि कई बार ऐसी लापरवाही करने पर रोगी की तत्काल ही मृत्यु हो जाती है। अतः आप इसे लेकर सदैव सतर्क रहे, आशा करते है कि हमारे द्वारा बताई गयी जानकारी आपके लिए लाभप्रद सिद्ध होगी। अतः आपसे निवेदन है कि हमसे जुड़े और अन्य लोगो को भी सलाह दे हम आपके लिए ऐसी ही आवश्यक जानकारिया रहेंगे। 


Sunday, December 3, 2017

मात्र 199 रु. में एयरटेल लाया अपना नया प्लान अनलिमिटेड कॉलिंग के साथ डेटा भी एकदम फ्री !!



खुशखबरी दोबारा शुरु हुआ रिलायंस जियो फोन के लिए रजिस्ट्रेशन, जल्दी करे ऑफर सिमित

 

पंजीकरण कैसे करे?
उपभोक्ता सबसे पहले रिलायंस जियो  की  वेबसाइट  पर जाएं,  जहा पर  जियोफोन के बैनर पर Know More का विकल्प मिलेगा। इस  पर क्लिक करते ही  ऩए वेब पेज पर पहुंचगे और यहां रजिस्टर नाउ का ऑप्शन मिलेगा। इस पर क्लिक करें। इसके बाद आप अपना नाम, ईमेल, फोन नंबर व क्षेत्र पिन कोड  अदि भरना होगा। ऐसा करके सब्मिट करें।
इस प्रकार जब पंजीकरण पूरा होगा तब आपको "धन्यवाद " का सन्देश आएगा । इसके साथ ही आपको इसके सम्बन्ध में आपके फ़ोन पर सन्देश भी जायेगा की आपका पंजीकरण सफल हो गया। 



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