सामन्यतः आज कल लोगो में देखा गया है कि वो नींद न आने जैसी समस्या से ग्रसित है वो सोना तो चाहते है उन्हें नीदं नहीं आती है उसी के विपरीत कई बार कुछ लोगो में देखा गया है कि वो सामान्य से ज्यादा नींद आने की समस्या से पीड़ित है, पर है आपको बता दे कि प्रत्येक व्यक्ति को उनकी आयु विशेष के आधार पर एक निश्चित मात्रा में सोने की जरुरत होती है, सामन्यतः 18-65 वर्ष तक की आयु के लोगो को 7-9 घंटे तक प्रतिदिन सोना चाहिए लेकिन आज के भागम भाग के दौर ने लोगो को सामान्य से अधिक तनाव अथवा गैर अनुशासित जीवन जीने के कारण सोने के सामान्य अवधि में कमी अथवा वृद्धि होने लगती है जो आगे चल के शारीरिक या मानसिक रोगो का कारण बनता है। आज कल कुछ लोगो को रात रात भर नींद नहीं लगने की समस्या होती है या फिर कुछ लोगो आधी रात में नीद खुल जाने और फिर नीदं न लगने की समस्या होती है, यदि आप के साथ भी ऐसा ही कुछ होता है तो हम आपकी इस समस्या को दूर करने का उपाय ले कर आये है, हो सके तो जरूर आजमाए।
1. बिस्तर पर तभी सोने जाये, जब आपको सही में नींद आ रही हो। बार बार करवटें बदलते रहने से तो अच्छा है कि आप कोई दिलचस्प काम करें (जैसे- किताब पढ़ें या म्यूजिक सुनें) और नींद लगने पर बिस्तर पर लेटे।
2. रात्रि में बार बार घड़ी देखने से बचें। कुछ दिनो तक घडी की ओर मुंह करके न सोये। घडी भी कई बार नींद में व्यवधान उत्पन्न करती है अतः यहाँ ध्यान दे कि नींद का चक्र पूरा होना बहुत जरूरी है। शरीर की बायोलॉजिकल क्लॉक के हिसाब से ही चलें, तभी आप अनावश्यक तनाव या दबाव से बच सकेंगे।
3. रात में कैफीन और एल्कोहॉल से सम्बंधित पेय पदार्थ के सेवन से बचें। इससे भी नींद देर से आती है। 4. स्वयं में सदैव उत्साह बनाये रखे और प्रत्येक दिन कम से कम एक घंटा व्यायाम करे और रात्रि भोजन के बाद भी 15-20 मिनट तक टहले। यूएस के नेशनल स्लीप फाउंडेशन द्वारा किये गए एक सर्वेक्षण में कहा गया है कि जो लोग नियमित टहलते और व्यायाम करते हैं, उन्हें अच्छी नींद आती है।
5. रात में अत्यधिक भोजन न करे । यदि रात्रि भोजन 9 बजे के बाद करते हैं तो आपको प्रोटीनयुक्त, भारी या मसालेदार भोजन से बचना ही ठीक होगा।
6. अपने आस पास का वातवरण शांत, सुगंधित और हवादार रखें। यदि कमरे में शोर आता हो, पर्याप्त हवा न आती हो या कोई गंध आती हो तो इससे आपकी नींद में बाधा उत्त्पन्न होगी। शयन कक्ष का रंग भी बहुत गहरे रंग का रखें।
7. यदि दो लोग एक बिस्तर पर सोते है तो दोनो लोग एक ही कंबल ओढऩे से बचें। इससे भी नींद खराब हो सकती है।
8. सोने-जागने का नियत समय बनाएं। हालांकि यात्राओं के दौरान ऐसा संभव नहीं हो पाता, फिर भी अपना रूटीन निश्चित रखें।
9. नींद न आने का हक कारण मैट्रेस भी हो सकता है। हर मैट्रेस की एक उम्र होती है, जब वह असुविधाजनक हो जाए, उसे बदल लें।
10. मन को शांत रखें। मनोवैज्ञानिक मानते हैं कि सोने से पहले स्ट्रेस वाला कोई काम न करें, ऐसा कुछ न बोलें, जो तनाव में डाले।
आशा करते है कि आपको हमारा लेख पसंद आया होगा और आपके लिए लाभदायक सिद्ध हो सके। अतः आप से निवेदन है कि आप हमसे जुड़े ताकि हम आप तक ऐसी ही आवश्यक वस्तुए लाते रहे।
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