ध्यान एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा हम किसी भी कार्य को सुचारु रूप से करते है और अपने प्रत्येक कार्य में सफलता प्राप्त कर सकते है। किसी भी कार्य को भली-भाति करने लिए हमें सर्वप्रथम अपने मन को एकाग्रचित करना होगा ताकि हमसे कोई भी त्रुटि न हो सके, तभी उस कार्य में हम सफलता प्राप्त कर सकते है। जब भी हमारा यह ध्यान अपने निर्धारित कार्य से भटक जाता है तभी हमसे प्रायः गलतिया होती है और फिर इन्ही गलतियों के कारण हम असफल हो जाते है।
महाभारत काल में भी गुरु द्रौणाचर्या ने अर्जुन के ध्यान लगाने की क्षमता को ही देख कर कहा था कि वह एक दिन विश्व का सर्वश्रेष्ठ धनुर्धारी होगा और ऐसा ही हुआ भी। व्यक्ति अपने समस्त कार्यो एवं उद्देश्यों में तभी सफलता प्राप्त कर सकता है जब उसमे ध्यान लगाने की क्षमता विधमान हो। आप भी अपने जीवन में ये महसूस करते होंगे कि "ध्यान का क्या महत्व है?" और यहाँ तक की कई बार आप ने स्वयं को ध्यान लगाने या एकाग्रचित रखने में असमर्थ पाया होगा लेकिन यदि यह आपके साथ प्रायः होता है तब आपसे सदैव भूल या त्रुटि होती होगी ऐसी स्थिति में आप को कई बार अनेक समस्याओ का सामना भी करना पड़ा होगा। यदि आप ध्यान लगाने निपूर्णता पाना चाहते है तो ये लेख आपके लिए काफी महत्वपूर्ण सिद्ध होगा।
ध्यान क्या है?
ध्यान, सूचनाओं के विभिन्न पहलुओं में से चुनिंदा किसी एक बिंदु पर स्वयं केंद्रित करने की व्यवहारिक और संज्ञानात्मक प्रक्रिया है, फिर चाहे यह व्यक्तिपरक या उद्देश्यपरक रूप से किन्ही जानकारियों में किसी एक जानकारी पाने के लिए किया जाये। ध्यान या एकाग्रता मस्तिष्क की एक ऐसी महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जिसमें एक समय में एक साथ कई वस्तुएं या विचारों पर स्वय को केंद्रित किया जाता है। सरल शब्दों में यदि इसे समझना है तो कह सकते है कि ध्यान वह प्रक्रिया है जिसमे व्यक्ति द्वारा एक समय में विभिन्न सूचनाओं में से किसी निश्चित सूचना या जानकारी पर स्वयं को केंद्रित किया जाता है जो की एक उद्देश्यपरक प्रक्रिया होती है जो कि व्यक्ति द्वारा निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति में उसकी सहायता करती है।
ध्यान लगाने या एकाग्रचित्त होने की क्षमता का विकास कैसे करे?
यदि आप ध्यान न लगा पाने की समस्या परेशान है, ज्यादा देर तक ध्यान नहीं लगा पाते है। घंटो पढ़ने के बाद भी आपको को कुछ याद नहीं रहता है, पढ़ाई या कार्यो में मन नहीं लगता है इसका अर्थ है कि आपमें ध्यान लगाने की क्षमता बहुत कम है और आपको ऐसी स्थिति में स्वयं में ध्यान लगाने की क्षमता का विकाश करने की जरुरत है। ध्यान लगाने या एकाग्रचित रहने की क्षमता का विकाश करने के लिए आप निम्नलिखित विधियों का पालन कर सकते है-:
- जाने ध्यान क्या है-: आपको स्वयं में यदि ध्यान की क्षमता का विकाश करना है तो सर्वप्रथम आपको इस बात को जानने का प्रयास करना चाहिए कि आखिर ध्यान क्या है, यह कैसे क्रियान्वित होता है, इसमें कौन कौन सी वस्तुए बाधा उत्त्पन्न करती है। इसके पश्चात ही आप स्वयं में ध्यान का विकाश कर सकते है।
- ध्यान में बाधा उत्त्पन्न करने वाले कारको को दूर करना-: ध्यान लगाने में आने वाली बाधाओं जैसे अरुचि, प्रेरणा का आभाव, शारीरिक या मानसिक समस्याएं आदि की पहचान कर इसका निवारण विशेषज्ञों द्वारा कराना।
- योग-: ध्यान में विस्तार के लिए आप योगा के विभिन्न आसनों जैसे प्राणायाम, अनुलोम-विलोम,और भ्रामरी आदि को प्रतिदिन करे। इससे आपमें ध्यान लगाने की क्षमता प्रतिदिन अभ्यास के साथ साथ निरंतर बढती है। कई अनुसंधानों में यह पाया गया है कि इनके अभ्यास से व्यक्ति में एकाग्रचित्त रहने, अच्छी स्मृति और तनाव मुक्त रहने में काफी लाभ मिलता है।
- व्यायाम-: प्रतिदिन 30 मिनट तक व्यायाम करे, इससे आपका शरीर स्वस्थ रहता है और साथ ही इससे शरीर में स्फूर्ति बनी रहती है और थकान भी कम लगती है। जिससे आप ज्यादा देर तक कोई कार्य कर सकते है। प्रायः ध्यान भंग होने के लिए जिम्मेदार करने में शारीरिक और मानसिक थकान ही प्रमुख कारण होता है।
- योजना बद्धता-: कोई भी कार्य हो चाहे पढ़ाई, खेल, या अन्य कोई आवश्यक कार्य हो, सभी को आप योजना बद्ध ढंग से करे। इससे आप अपने लक्ष्य तक क्रमसः बढ़ते जाते है और एक समय में आपका ध्यान एक ही विषय वास्तु पर लगा रहता है, जिससे आपको ध्यान लगाने में आसानी भी होती है। एक समय में जब आपको कई वस्तुओ पर ध्यान लगाना होता है तब आपसे गलतिया होने की सम्भावना भी बढ़ जाती है अतः योजना बद्ध ढंग से जब कोई कार्य करते है तब आप कुछ निश्चित वस्तुओ पर ही ध्यान लगाते है और तब आपका समस्त ध्यान उन्ही पर रहता है।
- रुची के अनुसार विषय का चयन-: विशेषतः विद्यार्थियों के लिए यह आवश्यक है कि वे अपनी रुचियों के आधार पर ही अपने अध्ययन का विषय चुने ताकि उन्हें उस विषय में ध्यान लगाने के साथ साथ उसका आनंद भी मिल सके। रुची के आधार पर विषय चुनने से यह लाभ भी मिलता है कि इससे व्यक्ति की जिज्ञासा शांत भी होती है और पुनः दूसरी जिज्ञासा उसे विषय के बारे में और अधिक जानने के लिए प्रेरित भी करती है फलस्वरूप ध्यान का निरंतर विस्तार होता रहता है।
- शोर या अन्य ध्यान भटकाने वाली वस्तुओ को हटाना-: प्रायः ध्यान तभी अवरुद्ध होता है जब कोई विशेष ध्वनि होती है जो व्यक्ति का ध्यान भंग करती है। इसके अलावा पढ़ाई या कोई आवश्यक कार्य करते वक्त यदि फ़ोन पास होता है तब अक्सर ध्यान भंग होता है अतः सर्वप्रथम ध्यान भंग करने वाली ऐसी ही सभी वस्तुओ को अपने से दूर ही रखना चाहिए।
- पूर्वावलोकन और योजना कौशल विकसित करना-: पढ़ाई या अन्य कोई महत्वपृर्णा के पूर्व ही उसके विषय में थोड़ा जानना चाहिए और योजना बनाना चहिये, उदाहरण के लिए विद्यार्थियों को चाहिए कि अगले दिन कक्षा में क्या पढ़ना है उसके बारे में आज ही थोड़ा स्वयं पढ़ना चाहिए और जहा कोई भी तथ्य न समझ आये उसे नोट कर लेना चाहिए जिन्हे वे अगले दिन शिक्षक से कक्षा में पूछ सकते है, इसके साथ उन्हें इससे कक्षा में ध्यान लगाने में भी मदद मिलती है।
- स्वयं की ज्ञानेन्द्रियो को केंद्रित रखने का अभ्यास करना-: वस्तुतः ध्यान लगाने से आशय ही है सभी ज्ञानेन्द्रियो को एक निश्चित बिंदु पर केंद्रित करना। इस लिए यदि आप ध्यान लगाने की क्षमता का विकाश करना चाहते है तब आपको अपनी पाँचो ज्ञानेन्द्रियो पर नियंत्रण रखना सीखना होगा और उन्हें एक निश्चित बिंदु पर केंद्रित रखने का प्रयास करना होगा। अतः आपको प्रतिदिन अपनी ज्ञानेन्द्रियो केंद्रित रखने का अभ्यास करना चाहिए।
- सक्रिय श्रवण विधि (एक्टिव लिसनिंग)-: आपको अपने ध्यान को केंद्रित रखने के अभ्यास के अंतर्गत ही सक्रिय श्रवण विधि या एक्टिव लिसनिंग विधि का भी अभ्यास करना आवश्यक है। इसके अंतर्गत आप सदैव अपने आप को कक्षा में सक्रिय रहना, चाहिए स्वयं में हमेसा जिज्ञासा को बनाये रखना चाहिए और जहा तक हो सके ज्यादा से ज्यादा सूचनाओं को ग्रहण व उन्हें समझने का प्रयास करना चाहिए और साथ ही साथ कक्षा में प्रश्नोत्तर के समय अपनी सहभागिता बनाये रखना चाहिए अर्थात शिक्षक द्वारा प्रश्न करने पर जवाब देना और कुछ यदि न समझ आये तो कक्षा के उपरांत शिक्षक से जानने का प्रयास करना चाहिए।
इस प्रकार आपने देखा कि ध्यान का व्यक्ति के जीवन में कितना महत्व है और किस प्रकार आप स्वयं के ध्यान लगाने की क्षमता का विकाश कर सकते है। आशा करते है कि आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी पसंद आई होगी अतः आपसे अनुरोध है कि आप हमसे जुड़े और दुसरो को भी सलाह दे। हम आपके लिए ऐसे ही रोचक और लाभप्रद जानकारिया लाते रहेंगे।
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