SOCIAL DOCTOR SHIV PRAKASH

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Thursday, November 9, 2017

क्या आप विस्मरण या भुलक्कड़पन के कारण परेशान रहते हैं? फिर इसे निश्चित रूप से पढ़ें

हम अपने जीवन में कितने ही अच्छे और बुरे अनुभवों का सामना करते है जिनमे से कुछ हमें हमेसा यद् रहे है परन्तु अधिकतर ऐसी महत्वपूर्ण बाते भी होती है जो हम भूल जाते है। आपने भी कभी महसूस किया होगा कि कई आवश्यक बातें प्रायः भूल जाते है पर कई बार इस  तरह महत्वपूर्ण चीजों भूल जाना या हमें याद ना आना हमारे लिए समस्या का विषय भी बन जाता है। खास कर उस समय जब हम परीक्षा के समय जब हमें महत्वपूर्ण चीजे नहीं याद आती है तब हमें अपनी स्मृति और याद रखने की क्षमता पर काफी क्रोध भी आता है और हम जिसको लेकर फिर अक्सर चिंतित रहने लगते है। तो आईये हम ये जानने का प्रयास करते है हम महत्वपूर्ण बाते भूलते क्यों है? और किन-किन माध्यमों से हम अपने स्मृति को और भी सुदृढ़ बना सकते है। 

स्मृति क्या है?
स्मृति हमारे मस्तिस्क की कार्यप्राली का एक महत्वपूर्ण भाग है। जिसके माध्यम से न केवल चीजे याद रखते है बल्कि ये हमें कुछ सीखने में भी मदद करती है। स्मृति की प्रक्रिया में हमारे मस्तिष्क में सर्वप्रथम हमारी ज्ञानेन्द्रियों के माध्यम से कोई सूचना पहुँचती है जहाँ पर उन सूचनाओं का कोडिंग होता है फिर उन्हें संगृहीत किया जाता है और फिर आवश्यकता होने पर वापस प्रत्यास्मरण किया जाता है।  स्मृति की प्रक्रिया में तीन महत्वपूर्ण प्रक्रियाएं होती है (१) कोडिंग, (२) संग्रहण और (३) पुनः प्रत्यास्मरण। यदि इस प्रक्रिया में कोई बाधा आती है तब व्यक्ति को कुछ यद् नहीं आता है। 

परिभाषा 
"स्मृति वह साधन है जिसके द्वारा हम वर्तमान में किसी जानकारी का उपयोग करने के लिए हमारे अतीत के अनुभवों को आकर्षित करते है।" (स्टर्नबर्ग, 1999)
स्मृति के प्रकार
स्मृति मुख्यतः तीन प्रकार की होती है (१) संवेदी स्मृति (२) अल्पकालिक स्मृति (३) दीर्घकालीन स्मृति

(१) संवेदी स्मृति -: ज्ञानेन्द्रियो से जब कोई सूचना प्राप्त होती है परन्तु उस सूचना पर हम ध्यान नहीं देते है तब वह स्वतः कुछ ही क्षणों में समाप्त हो जाती  है। इस स्मृति की अवधि मात्रा कुछ ही क्षणों की होती है। 
 (२) अल्पकालिक स्मृति-:  इस स्मृति को हम प्रार्थमिक स्मृति, सक्रिय स्मृति के नाम से भी जानते है। इस स्मृति की अवधि लगभग ६० सेकेंड तक ही होती है। परन्तु यदि हम इस दौरान सीखी गयी बात दो या तीन बार दोहरा लेते है तब इसकी अवधि बढ़ जाती है। 
(३) दीर्घकालीन स्मृति-: जैसा कि नाम से स्पष्ट होता है की ये स्मृति लम्बी अवधि ले होती है। जिसकी अवधि १ घंटे भी हो सकती है, १ दिन भी हो सकती है या हमेसा याद रह सकती है बशर्ते हम बीच बीच में उसका पुनः स्मरण करते रहे। इस स्मृति को हम कार्य वाहक स्मृति के नाम से भी जानते है। 

विस्मृति क्या है? 
स्मृति की प्रक्रिया में जब कोई बाधा आती है या जब सूचनाओं  प्रत्यास्मरण नहीं हो पाता है तब हम इसे विस्मृति कहते है। विमृत में स्मृति के महत्वपूर्ण चरणों में बाधा उत्तपन्न होने के कारण ही पैदा होती है। इसमें सूचनाओं का कोडिंग, संग्रहण और प्रत्यास्मरण की प्रक्रिया सही से नहीं हो पति है जिससे व्यक्ति के लिए  पूर्व में सीखी गयी बात का प्रत्यास्मरण करना कठिन हो जाता है। 

विस्मृति के कारण-: विस्मृति होने के प्रमुख कारण निम्नलिखित है;
  1. दोषपूर्ण स्मृति की  प्रक्रिया
  2. दखल अंदाजी-: दो भिन्न स्मृतियों में अंतर्द्वंद होना। 
  3. पुनर्प्राप्ति की समस्याएं-: सूचना के कोडिंग सही न हो पाना, पुनः स्मरण में त्रुटि आदि। 
  4. प्रेरित भूल-: जानबूझ कर भुलाने का प्रयास करना। 
  5. भूलने की बीमारी-: जैसे मनोभ्रंश मनोविकार। 
  6. ट्रेस स्केय थ्योरी-: मस्तिष्क द्वारा स्वतः प्रयोग न होने वाली स्मृति का भुला देना। 
  7. निषेधाज्ञा या हस्तक्षेप का सिद्धांत: पूर्व में सीखे गए ज्ञान द्वारा वर्तमान की स्मृति को प्रभावित करना। 
  8. दमन सिद्धांत-: दुखद व अप्रिय घटनाओ का दमित किया जाना। 
  9. पुनःस्मरण  न करना-:  जब कोई सूचना का समय समय पर पुनःस्मरण नहीं किया जाता है तब सूचना विस्मृत होने लगाती है। 
       आप उपरोक्त कारणों को दूर कर अपनी स्मृति को सुदृढ़ बना सकते है। 

स्मरण करने की विधिया-: अच्छी स्मृति के लिए निम्न लिखित विधियों का पालन किया जाता है;

संपर्क व जोड़ विधि-: इसमें दो मदों या सूचनाओं को आपस में समन्धित कर उन्हें आसानी से याद रख सख्त है उदहारण के लिए मान लीजिये आपको यदि कुछ शब्दों को भली भाति याद रखना है तो आप उन्हें एक दूसरे से सम्बंधित करके याद  रख सकते है जैसे; यहाँ ५ शब्द है, पैसा, घर, प्रधान मंत्री, तनाव, दुश्चिंता। तो आप इन्हे इस प्रकार संभंधित या जोड़ कर आसानी से यद् रख सकते है;
प्रधान मंत्री ने आज सम्बोध्ति करते हुए कहा कि आय से अधिक पैसा रखने वालो पर कार्यवाही की जाएगी ये सुनकर मै  घर से  बाहर  ही नहीं गया और तनाव के कारण  मुझे दुश्चिंता मनोरोग हो गया। 
कहानी बनाने की विधि-: कहानी बना कर  भी आप महत्वपूर्ण बातो को याद  रख सकते है। इस विधि में हम तथ्यों को कहानी के रूप में परिवर्तित करते है और उस कहानी के माध्यम से उन तथ्यों को याद रखते है। जैसे ऊपर आपने ५ शब्दों पैसा, घर, प्रधान मंत्री, तनाव, दुश्चिंता को सम्बन्ध स्थापन या जोड़ विधि के माध्यम से याद करने का उदाहरण देखा, उसी प्रकार कहानी विधि का उदाहरण इस प्रकार है;
एक बार देश के प्रथम प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू अपने घर से बहार निकले जब वह रस्ते में जा रहे थे तो उन्हें एक तनाव और दुश्चिंता से ग्रस्त व्यक्ति दिखा जिसे देख कर चाचा नेहरू रुके और उसकी परेशानी जाना और फिर उन्होंने उसे अपनी जेब से कुछ पैसे दिए और उसकी सहायता की ।
तथ्यों को उनके सम्भान्धित स्थान अथवा अन्य के नाम के साथ याद करना-: इस विधि में हम तथ्यों को उनसे सम्बंधित स्थान या अन्य सम्बंधित किसी वास्तु के  साथ याद रखते है। उदहारण के लिए ऊपर दिए पाँचो शब्दों को इस प्रकार भी याद कर सकते है;
  • प्रधान मंत्री-मोदी। 
  • बैंक में पैसा जमा किया।  
  • मेरा घर मुझे प्यारा है। 
  • परेशानीयो से तनाव बढ़ता है। 
  • दुश्चिंता एक मानसिक रोग है। 
कविता के रूप में तथ्यों को याद रखना-: इस विधि में आप तथ्यों को कविता या गाने के रूप में बनाकर याद कर सकते है। उदहारण के लिए हम उपर दिए शब्दों को कविता के रूप में इस प्रकार बना सकते है;
बंदी नोटबंदी कर प्रधान मंत्री ने ,हा हा कार फैला दिया,
घर के कोने कोने में छिपा के रखेपैसो को बाहर निकाल अम्बार लगा दिया। बंदी नोटबंदी कर प्रधान मंत्री ने हा हा कार फैला दिया, काले काले धन वालो मेंतनाव और दुश्चिंता बढ़ा दिया। 

मस्तिष्क में एक मानचित्र या नक़्शे को बनाकर याद करना-: इस विधि में हम अपने मन एक मानचित्र बनाते है और तथ्यों को क्रमानुसार उस मानचित्र में निर्धारित स्थान पर रखते है और उसी क्रम से फिर हम उन्हें याद रखते है। इस विधि को बार बार प्रयास कर हम अधिक से अधिक तथ्यों को भली भाति याद रख सकते है। 

काल्पनिक महल या घर की विधि-: इस विधि में आप तथ्यों को  याद रखने के लिए अपने मन में एक काल्पनिक घर के बारे में सोचते है जिसमे हम उन तथ्यों को या वस्तुओ को उस घर में अलग अलग स्थान पर रखते है और फिर उसके माध्यम से उन तथ्यों को याद रखते है। 

क्रमवद्ध, घटते व बढ़ाते क्रम की विधि-: इस विधि में हम तथ्यों को सर्वप्रथम अंकन करते है उन्हें एक १,२,३,४,५,.... के क्रम के रूप रखते है फिर उनके क्रम के अनुसार उन्हें याद रखते है। याद करने के दौरन हम उन्हें पहले बढ़ते हुए क्रम में याद रखते है फिर घटते हुए क्रम में याद रखते है और फिर  उनको दिए गए अंक के आधार पर।  उदहारण के लिए-: 
बढ़ाते हुए क्रम-: (१) पैसा, (२) घर, (३) प्रधान मंत्री, (४) तनाव, (५) दुश्चिंता
घटते हुए क्रम-: (५) दुश्चिंता, (४) तनाव, (३) प्रधान मंत्री,(२) घर, (१) पैसा

मूल तत्त्व की खोज  विधि -:  अब तक जो विधिया हमने बताई है वो विभिन्न तथ्यों को एक साथ याद करने की विधि है परन्तु जब हमें किसी परिभाषा को याद करना हो तब हम मूल तत्त्व की खोज विधि का प्रयोग कर सकते है। प्रत्येक वाक्य में कुछ मूल तत्त्व  होते है जिसके बारे में वो वाक्य बताता है हम उनको याद कर उस वाक्य को याद कर सकते है। उदहारण के लिए;
स्मृति की परिभाषा-: "स्मृति मन की संकाय है जिसके द्वारा सूचना एनकोड, संग्रहित और पुनः प्राप्त की जाती है।"
इस परिभाषा में मूल तत्त्व है -:  मन की संकाय, सूचना, एनकोड, संग्रहित,और पुनः प्राप्ती। आप इन्हे याद कर के पूरी परिभाषा को सही तरह से यद् रख सकते है। 

निष्कर्ष-: इस प्रकार अपने देखा की स्मृति क्यो महत्वपूर्ण विषय है आप अपने दैनिक जीवन में स्मृति के सहारे ही सभी कार्य करते है। जब कभी भी आप कुछ भूलते है तो आपको कितनी ही दिक्कतो और परेशानियों का सामना करना पड़ता है।  इस लिए आवश्यक है कि स्वयं तो स्मृति के बारे में जाने ही अपनों को भी इसके विषय में जानकारी दे कि किस प्रकार वे अपनी स्मृति को सुदृण बना सकते है। इस लेख का उद्देश्य भी आपको स्मृति के महत्व के बारे में अवगत करना ही था। आशा करते है कि आपको ये लेख पसंद आया होगा। यदि आप ऐसी ही रोचक जानकारियों को आगे भी पाना चाहते तो हमसे जुड़े  या हमें फॉलो करे। 

धन्यवाद। 
आपका शिव प्रकाश 

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