सर्वोच्च न्यायालय ने माता वैष्णो के धाम के लिए नए मार्ग पर लगाया प्रतिबंध
हिन्दू धर्म के सबसे पवित्र एवं पूजनीय स्थल वैष्णो माता मंदिर की महिमा को कौन नहीं जनता है। हिन्दू धर्म में आस्था रखने वाला प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन में एक बार इस पावन तीर्थ स्थल पर एक बार अवश्य जाना चाहता है। यहाँ पर मांगी गयी हर दुवा को वैष्णो माता कभी भी अनसुनी नहीं करती है। इसी धर्म स्थल की ओर जाने के लिए एक नविन मार्ग का निर्माण कार्य चल रहा था जिस पर सुप्रीम कोर्ट एक आदेशानुसार रोक लगा दिया गया। कोर्ट ने वैष्णो देवी गुफा मंदिर जाने वाले पैदल श्रद्धालुओं और बैट्री चालित कारों के लिए 24 नवंबर से नया मार्ग खोलने के राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेश के आदेशानुसार रोक लगा दी है।
गत सोमवार को जस्टिस मदन बी लोकुर और दीपक गुप्ता की खंडपीठ ने श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड का पक्ष सुनने के बाद यह आदेश दिया। बोर्ड ने शीर्ष अदालत से कहा कि 24 नवंबर से नया मार्ग खोलना संभव नहीं है। बोर्ड की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि वैष्णो देवी गुफा के लिए एक अन्य मार्ग का निर्माण कार्य चल रहा है। यह अगले साल फरवरी में श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा।
उन्होंने यह भी कहाँ कि माता के धाम तक पहुंचने के लिए पहले से दो मार्ग खोले जा चुके है और अब बोर्ड तीसरे मार्ग का निर्माण कर रहा है। पीठ ने इसके साथ ही उस व्यक्ति को नोटिस जारी किया, जिसकी याचिका पर हरित न्यायाधिकरण ने 13 नवंबर को नया मार्ग खोलने का आदेश दिया था।
इसके पूर्व एनजीटी ने नया मार्ग खोलने का आदेश देने के साथ ही वैष्णो देवी मंदिर में रोजाना दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या को भी 50,000 तक सीमित कर दिया था। जिसमे यह भी कहा गया था कि नए मार्ग पर घोड़ों और खच्चरों को चलने की अनुमति नहीं होगी। राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने अधिकारियों को निर्देश दिया था कि यदि कोई व्यक्ति वैष्णो देवी गुफा की ओर जाने वाली सड़क या बस अड्डे पर गंदगी फैलाता मिले तो उस पर दो हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाये ताकि माता के स्थल तक पहुंचने वाले मार्ग में स्वच्छता बानी रही रहे।
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