डिप्रेशन क्या है?
डिप्रेशन को हिंदी में अवसाद भी कहते है इस रोग में व्यक्ति के मन में निरंतर उदासी बनी रहती है जिसका प्रायः कोई विशेष कारण नहीं समझ आता है। दुःख के भाव और नकारात्मक विचार व्यक्ति के मन में प्रायः बने रहते है। यह उदासी प्रायः दिन के प्रारम्भ कुछ घंटो या दिन भर बनी रह सकती है। डिप्रेशन से ग्रस्त व्यक्ति के मस्तिष्क में स्नायुतंत्र में रासायनिक असंतुलन बना रहता है जिससे उसके मन की उदासी निरंतर बढ़ती ही जाती है।
डिप्रेशन के कुछ सामान्य लक्षण:
- डिप्रेशन से ग्रस्त व्यक्ति में निम्नलिखित लक्षण सामान्यतः पाए जाते है ;
- मन में प्रायः उदासी, दुःख, नकारत्मकता का प्रभाव रहता है।
- व्यक्ति का किसी कार्य में मन नहीं लगता है, उसे कुछ भी अच्छा नहीं लगता है।
- व्यक्ति स्वयं को हमेशा असहाय, असुरक्षित, अयोग्य, निराश महसूस करता है।
- हीन भावना और नकारात्मक विचार उसे और कमजोर बनाते जाते है।
- भूख और प्यास दिन प्रतिदिन कम होती जाती है।
- नींद की कमी या नींद का न आना।
- शरीर में निरंतर कमज़ोरी और वजन कम होने की समस्या होती है।
- किसी कार्य में ध्यान लगाने और एकाग्रता बनाये रखने में कठिनाई।
- व्यक्ति प्रायः भूलने भी लगता है।
- व्यक्ति जब हीन भावना बढ़ती है तो उसके मन स्वयं को हानि पहुंचाने के विचार आने लगते है।
- व्यक्ति ऐसी स्थिति में आत्म हत्या भी करने का प्रयास करता है।
- अवसाद के बढ़ने पर व्यक्ति को अजीब आवाज़े सुनाई देने लगती है।
- कभी कभी उसे कुछ अजीब व् डरावनी चीजें दिखती है।
अवसाद का उपचार: ध्यान दे यदि उपरोक्त लक्षणों में से यदि चार भी किसी को दो सप्ताह तक है तो समझ लीजिये कि उसे डिप्रेशन हो गया । डिप्रेशन का उपचार मनोचिकित्सक द्वारा किया जाता है इसमें Antidepression और Antianxiety दवाये चलती है और साथ ही साथ मनोचिकित्सा और काउन्सलिंग के माध्यम से इलाज किया जाता है।
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